होली का महत्व।
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होली का महत्व। आर्यवर्त जिसे हम कई नामों से जानते हैं भारत जिसमें मुख्य नाम है। और आर्यवर्त उसका सबसे पुराना नाम है। इस देश में सनातन धर्म के शुरुआत से ही होली का महत्व देखा जाता है। होली एक बहुत पवित्र पर्व है जो वसंत ऋतु में आता है। परंतु आज इसका वास्तविक स्वरूप धूमिल हो चुका है तथा अलग-अलग पाखंड और आडंबर इसमें जोड़ दिए गए हैं। नंबरों के बढ़ने से समाज में विकृति बहुत तेजी से फैल गई है। आज इस त्योहार के वास्तविक स्वरूप को जानते हैं। यह अनाज के संबंध में है जिस पर छिलका होता है जैसे हरे चने आदि कईयों के मत में रवि की फसल में आने वाले सभी प्रकार के अनोखे ढोलक कहते हैं वसंत ऋतु में आई हुई रवि की नवीन फसल को होम में डालकर फिर श्रद्धा पूर्वक ग्रहण करने का नाम होली है यह पर प्रकृतिक है। ऐतिहासिक नहीं है और बाद में होलक से ही होली बना है प्रह्लाद वाला दृष्टांत कपोल कल्पित एवं निराधार है इस दृष्टि से होली पर्व से जुड़ना मूर्खता के अलावा और कुछ नहीं है इस दृष्टि को इस प्रकार समझ सकते हैं जो हरा चना होता है उस पर जो छिलका होता है उसे होलीका कहते हैं। वह तो जल जाता है परंतु अंदर...